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मैं चिड़िया बनना चाहती हूँ ताकि खुले आसमान मैं उड़ सकूँ।

मेरे  कटु  अनुभव  एक चर्चित फिल्म देखी PADMEN  ,बहुत ही अच्छी लगी थी मुझे पहली बार ऐसा लगा की एक फिल्म के माध्यम से ही सही समाज में मासिक धर्म (पीरियड ) के बारे  में बातें हो रही  हैं | लड़कियां भी  अब अपनी परेशानीयों  के बारे में बातें कर सकेंगी |  अब बात करते हैं मेरे साथ घटी एक घटना की, जिसने मुझे सोचने पर विवश कर दिया की लड़की होना इतना चुनौतीपूर्ण क्यों है?  बात एक हफ्ते पहले की है मैं और मेरी सहेली जूही मुनाफा बाजार सामान खरीदने गए थे ,हमने खाने पीने के सामान के साथ पैड भी ख़रीदा ,उसी वक़्त मेरी सहेली ने मुझसे कहा यार वैक्सिंग कराने पर बहुत दर्द होता है मैं एक रेज़र भी खरीद लेती हूँ ,तभी उस शॉप में हमारे पीछे खड़े दो लड़कों ने कमेंट पास कर दिया -"मैडम साफ सफाई करने वाली है|" तभी हमारा ध्यान गया और हमने पीछे मुड़ के देखा -दो पढ़े लिखे लड़के थे दिखने में भी ठीक ठाक घर के लग रहे थे ,तभी मैंने तुरंत उनको जवाब दिया -"हम कुछ भी खरीदें  कहीं भी सफाई  करें तुमसे मतलब, क्या परेशानी है तुमको ?"  मेरी सहेली ने बोला प्लीज़...