कैसी ये मानसिकता .... नस्लभेदी ,रंगभेदी ,लिंगभेदी......?
![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgTPuhNPnUDUVjuUPX3HuqHQzZVz1tOySXOTfkffBAitBV-Qo36MHrx0BQsgv1Y8SAYZAwEOAxNXWCHl5hMS4YV8PGusVJIkN3FtJ8cNE9U_6Ksz-8kKE2_Yb-UpF4PTFG5ZqKbxYSI-Ik/s320/mayawati.jpg)
हम सब में कुछ न कुछ कमी है और यही खूबसूरती है। क्यूंकि उस कमी को पूरा करने के लिए हम कोशिश करते हैं या उस कमी को स्वीकार कर सहज जीवन में आगे बढ़ जाते हैं।आज ये विषय पर लिखने का एक कारण है। अभी हाल ही में मैंने ऐसी दो घटनाओं के बारे में पढ़ा और उन घटनाओं ने मुझे मजबूर किया कि इस विषय पर लिखूं। हाल ही में बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा का एक पुराना वीडियो वॉयरल हुआ। इस वीडियो में वो सार्वजनिक मंच से एक चुटकुला सुनाते नजर आ रहे हैं। अंग्रेजी में सुनाये गए इस चुटकुले का मायावती की राजनीति से ताल्लुक नहीं है ,बल्कि उनकी शक्ल -सूरत का मजाक उड़ाया गया है ,यानी बदसूरत महिला कहने की जगह उनका नाम का इस्तेमाल किया गया है। कितनी शर्मनाक बात है ये ... ये चुटकुले उन्हीं मायावती को निशाना बनाते हैं जो भारत में पहली दलित महिला मुख्यमंत्री बनी ,जो ४ बार उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री पद पर रह चुकी हैं ,जो राष्ट्रीय स्तर की बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष हैं और जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हां राव ने "लोकतंत्र का चमत्कार " कहा था। यह कोई पहला और अकेला मौ