भयानक गहराई के बिना कोई सतह सुन्दर नहीं लगती। ....

          "सब्र के समुद्र की गहराई से बहुत रास्ते मिल जायेंगे। 

             जहां सुकून की गहराई है वहां आनंद सी शीतलता है। "

अक्सर गांव में बड़े बूढ़ों से सुना होगा -

    " तालाब  सदा कुएं से सैकड़ों गुना चौड़ा और बड़ा  होता है ,फिर भी लोग कुएं का ही पानी पीते हैं, क्यूंकि कुएं में गहराई और शुद्धता  होती है। वैसे ही मनुष्य का बड़ा होना अच्छी बात है , लेकिन उसके व्यक्तित्व में गहराई और विचारों में शुद्धता भी होने चाहिए तभी वह महान बनता है।"

       गहरा ,गूढ़ ,गंभीर  ये शब्द सुनकर सोचने पर मैंने पाया  -मीरा बाई के कृष्ण प्रेम की गहराई ,कबीर की गुरुभक्ति की गहराई जिसमे कबीर ने गुरु को भगवान् से बड़ा माना  ,महात्मा गाँधी  के सत्य और अहिंसा पर अटूट विश्वास की गहराई जिससे भारत को आज़दी मिली। .... तो वहीं भगत सिंह  क्रांतिकारी विचारों की गहराई ,मदर टेरेसा के करुणा की गहराई या फिर यों कहे  जगजीत सिंह के गजलों की गहराई  ,प्रेमचंद के उपन्यासों की गहराई ,रवीन्द्रनाथ टैगोर के गीतों की गहराई ,रहमान के संगीत की गहराई ,कल्पना चावला के सपनो की गहराई आदि , और भी अनेक उदाहरण मिलेंगे। 

    "सत्य को गहराई चाहिए और झूठ को मात्र सतह।" ..

           वैसे  प्रेम ,भक्ति,ज्ञान ,वादा ,रिश्ता ,जूनून इन सब में यदि गहराई न हो तो दिखावटी लगता है। जैसे आधे अधूरे ज्ञान से समस्याएं  हो सकती है -"अधजल गगरी छलकत जाय। 

           सुकरात के ज्ञान की गहराई इस बात में थी -उन्होंने कहा-मैं जानता  हूँ कि मैं कुछ नहीं जानता। 

          एक बार नेपोलियन हिल  ने कहा -जब कोई व्यक्ति द्वारा अपने लक्ष्य को इतनी गहराई से चाहा जाता है कि वह उसके लिए अपना सबकुछ दावं पर लगाने के लिए तैयार होता है तो उसका जीतना सुनिश्चित होता है।ये होती है जूनून की गहराई।

            बचपन में अधिकांश लोगो ने टॉम एंड जेरी के कार्टून देखे हैं और उसमे लगभग सबको ही जेरी पसंद आता है उसका  कारण भी है -क्यूंकि टॉम के लिए जेरी केवल एक वक़्त का खाना है पर जेरी के लिए टॉम से जीतना उसकी जिंदगी (सर्वाइवल )है।  जेरी के जीतने की कोशिश में गहराई है। 

     "शानदार रिश्ते चाहिए तो उन्हें ह्रदय की गहराइयों से निभाइये क्यूंकि लाजवाब मोती कभी किनारो पर नहीं मिलते। "


             अच्छे रिश्तों में ही देख लीजिये कितनी गहराई होती है   त्याग ,समर्पण ,और प्रेम के बिना रिश्ते भी बस नाम के होते हैं।  एक तथ्य के मुताबिक ९० % शादियों में अगर लड़कियां सहन करना बंद कर दे तो शायद भारत में तलाक होने की दर बढ़ जाये। माँ ,घर की औरतें अगर उपेक्षा सहना बंद कर दे तो घर टूटने में वक़्त नहीं लगेगा। 

             गहरा प्रेम दुर्लभ होता है। चाहे वो प्रेम कृष्ण -सुदामा का मित्र प्रेम हो ,अथवा  लैला मजनू का प्रेम या फिर माँ का वात्सल्य इनकी तुलना नहीं की जा सकती। रामायण में उर्मिला का त्याग -तपस्या भी तो प्रेम ही था ,महात्मा बुद्ध की पत्नी यशोधरा ने भी प्रेम की वजह से ही विरह को अपनाया। ऐसे बहुत से उदाहरण मिलेंगे। अगर इनमे गहराई नहीं होती तो आज हम इनके बारे में जानते ही नहीं। 

      दर्द और पीड़ा की गहराई भी कभी कभी दिल छु लेती है -

                     लहरों की ख़ामोशी को समंदर की 

                             बेबसी न समझो। ... 

                      जितनी गहराई अंदर है ,

                       बाहर उतना तूफ़ान बाकी है। "


           संगीत  की बात करे तो- जगजीत सिंह के गजल और टोनी ककर के गानो की तुलना ही नहीं हो सकती  दोनों अपनी जगह ठीक है पर जगजीत सिंह दिल में उतरते हैं और टोनी ककर कानो में दर्द करते हैं।  साहित्य में  जहां प्रेमचंद अपनी छाप छोड़ते है तो स्तरीय लेखक उनके आसपास भी नई टिकते। अज्ञेय की कविताओं  का मर्म हो या निराला की लेखनी इनकी अलग ही बात है। 


           "बेइंतेहा शोर महसूस किया है उन कहानियों में ,जो छुप गई है कहीं खामोश दिल की गहराइयों में।" .... 


        प्रकृति को ही देख लो अगर गहराई में टेक्टोनिक प्लेटों की टकराहट नहीं होती तो शायद आज हिमालय पर्वत अडिग ही न होता। वैसे ही मकान की सुंदरता भले बाहरी हो पर उसकी मजबूती उसके नींव में होती है। पेड़ों की जड़ें अगर गहराई तक गई हों तो वो तूफानों में भी टूटते नहीं। 

                     " गहराई अस्पर्शित रहे,

                          स्थितियों के संघात से। 

                   सागर बिखर नहीं जाता 

                           हवाओं के आघात से। "

          आजकल स्तरीय और छिछलापन हर जगह दिखाई देता है। रीमिक्स के ज़माने में गहराई कम ही देखने मिलती है। अब महान पुरुष भी नजर नहीं आते। गुणों से ज्यादा दिखावा और बनावटीपन नजर आ जाता है। बाजारवाद के मोहपाश में दुनिया अंधी होती जा रही है ,हर चीज़ डुप्लीकेट और फेक नजर आती। ओरिजिनल और गहराई कम ही देखने मिलता है।  आप अपनी राय बताये नीचे कमेंट में.... 




टिप्पणियाँ

  1. "A word after a word after a word is power." Awesome..keep it up!!

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर विचारधारा।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

दुविधा में मन

मैं और मेरा चाँद 😍🥰🥰

रूबरू..... रौशनी..