Gaslighting -pychological manipulation

            "गैसलाइटिंग" वर्ड ऑफ द ईयर   

       गैसलाइटिंग का क्या मतलब है?    इस वर्ष इस शब्द की सर्चिंग में 1740% का इजाफा हुआ है 😲इसलिए ही ये वर्ड ऑफ द ईयर घोषित हुआ है|                                                                      आसान शब्दों में कहा जाए तो "अपने फायदे के लिए दूसरे को भरमाना है|" दिमाग कि दही करना"..🤣 या फिर 'ब्रेन किडनैपिंग' यानी किसी के साथ मनोवैज्ञानिक तौर पर इस तरह खेल खेला जाए और उसे धोखे मे रखते हुए इस तरह से भ्रमित कर दिया जाए कि पीड़ित शख्स कोअपने विचारों और खुद की काबिलियत पर संदेह होने लगे |कई लोगों को इस बात का पता भी नहीं चलता कि वो इसका शिकार हो रहे हैं|  और ऐसा करने वाले, आपके परिवार के सदस्य, दोस्त, आपका पार्टनर ,आपका डॉक्टर, आपका पड़ोसी , आपका बॉस कोई भी हो सकता है|                                                                               अमेरिका के सबसे पुराने डिक्शनरी पब्लिशर मेरियम- वेबस्टर ने इस वर्ड को चुना है और परिभाषित भी किया है|-                                             "pychological manipulation of a person usually over an extended period of time that causes the victim to question the validity of their own thoughts, perception of reality, or memories and typically leads to confusion, loss of confidence and self -esteem, uncertainty of one's emotional aur mental stability, and a dependency on the perpetrator. "                                        जानकर हैरानी होगी  कि पैट्रिक हैमिल्टन के 1938 के स्टेज प्ले "गैस लाइट " के बाद इसी पर बनी फिल्मों के 1940-1944 से गैस लाइटिंग शब्द आया, हालांकि 1960 se यह बोलचाल की भाषा में प्रचलित हुआ|...   पैट्रिक हैमिल्टन की नोवेल की कहानी एक ऐसी ही पति के बारे मे है जो अपनी पत्नी को ये सोचने पर मजबूर कर देता है कि वो पागल हो रही है|                                                           व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए गैस लाइटिंग के बुरे प्रभाव हो सकते हैं, जो इसका शिकार होता है वो धीरे धीरे अपना आत्म विश्वास और आत्म सम्मान खोने लगता है|उसे खुद के विचारों पर भरोसा नहीं रह जाता और वो हर वक़्त खुद के फैसलों और विचारों पर सवाल खड़ा करता रहता है|  ऐसे व्यक्ति इतने मानसिक रूप से परेशान होने लगते हैं कि कभी -कभी आत्महत्या के विचार इनपर हावी होने लगते हैं  |                                                                                                    ये कितना डरावना है... कोई भी छल से ब्रेन वाश कर देगा... ये  एक तरह से भावनात्मक  दुरूपयोग है| जिससे इंसान मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस करता है|                                     क्या आपको कभी यह कहा गया है कि तुम बहुत सेंसेटिव हो, तुम बहुत सोचती हो, ओवर रिएक्ट कम किया करो, तुम्हें कुछ याद नहीं रहता? या आपके सोच, आपके रियल इमोशन और रियल सेल्फ पर बार बार सवाल  खड़े किये गए हों ? अगर हाँ है.. तो मेंटल हेल्थ प्रो फेशनल के अनुसार आप गैस लाइट के शिकार हैं|ये एक तरह का इमोशनल अब्युस जैसा है|इसमें आपको सामने वाले के तरफ से बार बार यही समझाया जाता है कि जो वो बोल रहे हैं वो सच है और जो तुम्हें लग रहा है वो गलत है|                                 सोशल मीडिया के युग मे भ्रामक  समाचारों   , विज्ञापनों की भरमार है... लोग ऐसे ही मानसिक रोगी बन चुके हैं...हर कोई बस जबरदस्ती ज्ञान ही बांट रहा है... कितना खतरनाक है ये  नेता से लेकर धर्म गुरु तक हर कोई अपने फायदे के लिए लोगों को बरगला ही रहे हैं|मानसिक अवसाद एक गंभीर समस्या है.. इसको गंभीरता से लेना ही चाहिए.. |                                                                                                                                                        छल का उपयोग कर महाभारत में कृष्ण ने अस्वस्थामा हाथी के सहयोग से गुरु द्रोण को मारा था जो कि बहुत ज्ञानी थे और वे भ्रमित हो गए तो हम तो साधारण मानव है |लेकिन वो एक धर्मयुद्ध था और हम कलियुग में हैं ये केवल उदाहरण है कि कैसे  एक झूठी  और अधूरी सूचना कितना खतरनाक  साबित हो सकती  है ,इससे सीखना चाहिए|                                                                                                                      तर्कशील बनिये और सच को जानने का प्रयास कीजिये.. ऐसे ही किसी की बातों में मत आइये|ऐसे लोग आसपास दिख जायेंगे जिनकी विचारधारा एकतरफा होता है और वो खुद को ही सही साबित करने में लगे रहते हैं और दूसरों को अपनी गलत बात मनवाने के लिए  भी manupulate करते हैं  |ऐसे लोगों से दूर रहना ही बेहतर है |                                                                                                                            क्या आपको इस टॉपिक के बारे में जानकारी अच्छी लगी? मुझे कंमेंट् में बताएं.. आपकी क्या राय और सुझाव हैं कंमेंट् में लिखिये|धन्यवाद|        

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