मैं और मेरा चाँद 😍🥰🥰
...एक बार चाँद ने कहा समंदर से.... तू उबलता है मेरे प्यार में... पर कभी मिलता नहीं यही असफलता है तेरे प्यार में .....समंदर ने भी कहा...यार चाँद मिलने को तो मेरा मन भी मचलता है प्यार में......पर क्या करूं...तू महीने के तीस दिन बदलता है प्यार में .... ☺..... ऊपर लिखी कविता गीतकार स्वानंद किरकिरे ने लिखी है|....चाँद कि...