रक्षाबंधन..
भैय्या मेरे राखी के बंधन को निभाना ......... आज रक्षा बंधन और स्वतंत्रता दिवस दोनों है इसलिए सबको हार्दिक शुभकामनायें .... आज घर की बहुत याद आ रही है ,आज के दिन की चहल -पहल , माँ के हाथ का बना खाना,मिठाइयां, तोहफे मिलने की ख़ुशी और वो पुरे परिवार का साथ खुशियों में शामिल होना ,सब याद आ रहा है। पिछले ३ वर्ष से मैं कभी राखी पे घर नहीं जा पाती ,हर बार राखी भेज देती हूँ भाइयों को ,इस बार तो मेरे भाई भी घर पे नहीं है वो भी घर नहीं जा रहे। मम्मी कहती है घर में रौनक ही नहीं है त्यौहार मनाने का दिल नहीं कर रहा ,पर फिर भी त्यौहार मनाएंगे क्यों की पापा की बहनें और मम्मी के भाई भी तो हैं। वैसे मैंने भी अपने भाइयों को राखी भेज दी है। मैं खुश भी हूँ हम चाहे जहाँ भी रहे राखी का त्यौहार हर बार ये एहसास कराता है कि हमारा रिश्ता कितना मजबूत है। कभी -कभी सोचती हूँ काश की हम बड़े ही न होते तो कभी घर से दूर जाना नहीं पड़ता। और हम ऐसे ही साथ...