समाजिक दूरी बनाम शरीरिक दूरी
सोशल डिस्टेंसिंग बनाम फिजिकल डिस्टेंसिंग कोरोना के कहर ने सामाजिक दूरी बनाने के लिए मजबूर किया है। कितना अनोखा शब्द है ये मानव सामाजिक प्राणी है। और आज समाज से ही दूरी बनाये हुए है। पिछले कुछ दिनों से सोशल डिस्टेंसिंग शब्द काफी प्रचलित रहा है। यदि हम विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यप्रणाली पर ध्यान दें तो यह पाते हैं कि इसके द्वारा लगातार सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी ) के स्थान पर फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी ) की अवधारणा को बल दिया जा रहा रहा है। विशेषज्ञों का ये मानना है कि ये शारीरिक दूरी बनाये रखने का समय है ,लेकिन साथ ही सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर एकजुट होने का समय है। प्रोफेसर डेनियल एल्ड्रिच का तो ये मानना है कि सोशल डिस्टेंसिंग शब्द का इस्तेमाल न सिर्फ गलत है बल्कि इसका अत्यधिक प्रयोग हानिकारक साबित होगा। इनके अनुसार अभी शारीरिक दूरी और सामाजिक तौर पर एकजुटता प्रदर्शित करने का समय है। सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित समस्याओं को जानने की कोशिश करते हैं - सामाजिक दूरी को भारतीय जनमानस जिन अर्थों में