महिला दिवस
विमेंस डे #breakthestereotype #SheEqualsHe आजकल एक डिबेट चल पड़ा है। कुछ लड़कियां अगर बोलने की हिम्मत करती हैं तो उनपर नारीवादी होने का टैग लगा दिया जाता है। हाल ही में हमारे कुछ दोस्तों के बीच नारीवाद को लेकर बहस चल पड़ी और उनमें से एक ने कहा -यार हम मर्द कुछ भी कर लें हमेशा विलन ही रहेंगे। इतना भी क्या बुरा कर दिया यार हमने औरतों के साथ। आज भी कितने मर्द कार में बैठने से पहले औरतों के लिए दरवाजा खोलते हैं ,सिनेमा हॉल में लेडीज फर्स्ट कहते हैं। बसों में औरतों के लिए रिज़र्व सीट होती है। और मेट्रो में तो पूरा डब्बा औरतों के लिए आरक्षित होता है। इतना सब तो कर दिया और क्या करें ? अच्छा इतना सब कर दिया। जनाब पहले औरतों से तो पूछो वो बताएगी - "इतना सब मत करो ,खोलना...