सफलता और संघर्ष
सफलता और संघर्ष
"यूँ ही नहीं मिलती मंजिल राही को ,
एक जूनून सा दिल में जगाना पड़ता है।
ऐसे ही नहीं बन जाते आशियाने परिंदों के ,
भरनी पड़ती है उड़ान बार -बार ,
तिनका तिनका उठाना पड़ता है। "
सफलता और संघर्ष साथ -साथ चलते हैं ,चुनौतियाँ केवल बुलंदियों को छूने की नहीं होती ,बल्कि वहां टिके रहने की भी होती है यह ठीक है कि एक काम करते करते हम उसमें कुशल हो जाते हैं और उसे करना आसान हो जाता है ,पर वही करते रह जाना हमें अपने ही बनाई सुविधा के घेरे में कैद कर लेता है।
रोम के महान दार्शानिक सेनेका कहते हैं - "कठिन रास्ते भी हमें ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। अनिश्चितताएँ हमारी शत्रु नहीं है। कुछ स्थायी नहीं होना बताता है कि - मैं और आप कोई भी जीवन की असीमित संभावनाओं को जान नहीं सकते। कभी आप अनिश्चितताओं की तरफ बढ़ते हैं तो कभी वे आपको ढूंढ लेती हैं। "
यही जीवन है ,हर रात के बाद सवेरा आता है और यह भी सत्य है कि रात जितनी काली और भयावह होगी,सुबह उतनी ही प्रकाशमान और सुहानी होगी।
गर्म हवाओं के चलने से ही जलवाष्प बनकर मेघ बनता है और फिर जीवन दायिनी वर्षा के रूप में बरसता है उसी प्रकार जीवन में आये दुःख ,चिंता,तनाव और समस्या ही मनुष्य को निरंतर कर्मशील रखती है। सच तो ये है की विपत्ति एक कसौटी है जिसपर कसकर मनुष्य का व्यक्तित्व और चरित्र जांचा परखा जाता है। "आपका हर दिन बीते दिन से अलग है ,इसे स्वीकारना ही जीवन को गले लगाना है "
ठोकरें खाती हूँ पर शान से चलती हूँ।
मैं खुले आसमान के नीचे ,
सीना तान के चलती हूँ।
मुश्किलें तो सच है जीवन का ,
आने दो ,आने दो ,गिरूँगी ,उठूंगी,
फिर गिरूँगी,फिर उठूंगी , और आखिर में जीतूंगी
मैं ये मान के चलती हूँ.........
-अज्ञात
this one is also too good..I myself too favour postive thinking..
जवाब देंहटाएंThank u
जवाब देंहटाएं