स्वयं की खोज

                 अपने जवाब खुद ढूँढे। 

              "हर कोई आपको बताना चाहता है की आपको क्या करना चाहिए और आपके लिए क्या अच्छा है। वे नहीं चाहते कि आप अपने जवाब खुद खोजें ,वे चाहते हैं की आप उनके जवाबों पर विश्वास करें।"                                                                                                                             -सुकरात 


         हर व्यक्ति के जीवन में एक समय ऐसाआता  है, जब उसे लगता है कि सभी चीज़ें उसके विरोध में हैं  और वह कितना ही अच्छा क्यों न कर ले ,लेकिन उसके हाथ असफलता  लगेगी। ऐसे समय में व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचारों का मेला उमड़ पड़ता है। ऐसी दशा में व्यक्ति आत्महत्या करने तक की सोचने लगता है। आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बल्कि ऐसे समय में व्यक्ति को कहीं से छोटी सी प्रेरणा मिल जाये ,तो यह संभव है कि वही व्यक्ति भविष्य में ऐसा इतिहास रच दे कि लोग दांतों तले ऊँगली दबाने लगे। 

        असल में हर व्यक्ति की अपनी सीमायें और क्षमताएं  होती है। लेकिन कई बार जीवन में विपरीत परिस्थिति आने पर व्यक्ति को अपनी क्षमताओं पर ही शंका होने लगती है। क्षमता होने के बावजूद उसे अपनी सफलता संदिग्ध नजर आती है। ऐसी स्थिति में उसे यह प्रेरणा मिले कि वह यह कार्य सफलता पूर्वक कर सकता है ,तो यकीन मानिये कि  कार्य की पूर्ण सिध्दि के लिए वह अपनी पूरी ताकत लगा देगा। रामायण में हनुमान जी को उनका बल याद दिलाने पर वे पूरा पहाड़ उठा लाये थे।  

     "अगर तुम ठान लो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। "
                                                                   -विवेकानंद 




           खुद पे भरोषा रखें ,स्वयं को खोजने का प्रयास करें। आपको असल में क्या चाहिए ? आप क्या करना चाहते हैं ?क्या चीज़ आपको ख़ुशी देती है? या क्या करने से  आप सर्वाधिक खुश होते हैं ?इन प्रश्नो जवाब ढूंढें। आपको थोड़ी देर बाद स्वयं लगेगा कि समस्याएं सबके जीवन में है बस आपको अपनी समस्या का जवाब ढूँढना है। कुछ दिन पहले मैं भी डिप्रेशन में थी। पर बाद में मैंने ये सोचा -"मैं  किस बात से दुखी हूँ। क्या सिर्फ समस्याएं मेरे  पास हैं?नहीं बल्कि मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूँ जिसके पास  सबकुछ है जो इंसान के लिए आवश्यक होता है। एक अच्छा परिवार ,प्यार और सपोर्ट करने वाले माता -पिता ,अच्छी शिक्षा ,अच्छा स्वास्थ्य ,अच्छी जीवन शैली। और मैं वो कर रही जो मैं हमेशा से करना चाहती थी। मैं अपने  सपने  को साकार करने के लिए संघर्ष कर  रही। कितने लोगों  मौका मिलता है की वो अपने सपने पूरे करें ?अधिकांश लोगो का जीवन समझौता करके ही बीत जाता  है  तथा  इस दुनिया में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके पास कुछ भी नहीं होता गरीबी ,भुखमरी ,बीमारी  में जीने को विवश हैं। मुझे तो भगवान् को शुक्रिया कहना चाहिए कि उन्होंने मुझे ये सब दिया   है। और जब मैंने ऐसे सोचा तब मेरा डिप्रेशन जा चुका था। 
 

     "अगर आप  रोते हो क्यों कि सूरज आपके जीवन से  बाहर चला गया है , तो आपके आंसू आपको सितारों को देखने  के लिए रोकेंगे। "         -रविंद्रनाथ  टैगोर 

         "असफलता और निराशा सफलता के दो  निश्चित आधार स्तंभ है।  "    
                         -डेल  कार्नेगी 

             जब आपके जीवन में ऐसा कुछ हो तो - पहले अपने समस्याओं की सूची बनाये  उसके बाद विश्लेषण करें ,और समाधान ढूंढने का प्रयास करें। खुद से प्यार करें। जो चीज़ आपको ख़ुशी देती है वो करें  और स्वयं को व्यस्त रखें। सकारात्मक सोच रखें। आप आसानी से निराशा से बाहर आ जायेंगे।  ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव है। 

  
 

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